रिलायंस JIO की होते-होते रह गई अनिल की RCom! जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और रिलायंस जियो (Jio) की स्पेक्ट्रम ट्रेड डील को दूरसंचार विभाग (DoT) से मंजूरी नहीं मिल पाई है.
अनिल अंबानी की आरकॉम ने जियो के साथ दिसंबर 2017 में 250 अरब रुपए की डील साइन की थी. (फाइल फोटो)
अनिल अंबानी की आरकॉम ने जियो के साथ दिसंबर 2017 में 250 अरब रुपए की डील साइन की थी. (फाइल फोटो)
रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और रिलायंस जियो (Jio) की स्पेक्ट्रम ट्रेड डील को दूरसंचार विभाग (DoT) से मंजूरी नहीं मिल पाई है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली जियो ने आरकॉम की लोन लायबिलिटी उठाने से इनकार कर दिया है. अनिल अंबानी की आरकॉम ने जियो के साथ दिसंबर 2017 में 250 अरब रुपए की डील साइन की थी. इस डील में बैंकों के पास गिरवी कंपनी के एसेट को बेचने की बात शामिल थी. कंपनी को उम्मीद थी कि उसे वायरलैस एसेट और रियल एसटेट एसेट की बिक्री से 180 अरब रुपए मिलेंगे. कंपनी पर बैंकों का करीब 460 अरब रुपए बकाया है.
डॉट को देनी थी कॉरपोरेट गारंटी
इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशन को शीर्ष अदालत ने 2 दिसंबर तक 1400 करोड़ रुपए की कॉरपोरेट गारंटी उपलब्ध कराने को कहा था. आरकॉम ने यह गारंटी भी उपलब्ध करा दी थी. लेकिन डील अभी नहीं हो सकी है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक इससे मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो (JIO) से डील करने का रास्ता साफ हो गया था.
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग को रिलायंस कम्युनिकेशंस को अपना स्पेक्ट्रम रिलांयस जियो को बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) देने का कहा था लेकिन शर्त यह थी कि समूह की कंपनी सरकार के पक्ष में 2 दिसंबर तक 1,400 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी उपलब्ध कराए.
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दूरसंचार विभाग को देनी थी NOC
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन ने कहा था कि दूरसंचार विभाग द्वारा आरकॉम को NOC तभी दी जाएगी जब रिलायंस रीयल्टी कॉरपोरेट गारंटी उपलब्ध करा देती है. गारंटी मिलने के बाद दूरसंचार विभाग उसे 7 दिन के भीतर एनओसी देगा. न्यायालय ने यह आदेश दूरसंचार विभाग की उस याचिका पर दिया था, जिसमें उसने दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी.
11:42 AM IST